मेरे और मेरी माँ के बीच हुई चुदाई 1

Maa Beta xxx chudai story:-

दोस्तों! आज मै जो आपको कहानी सुनने जा रहा हूँ वो मेरे और मेरी माँ के बीच हुई चुदाई की है। एक रात माँ मुझे पापा समझकर मेरी रज़ाई मे घुस गयी और फिर मेरे लंड से चुद गयी। जी हां दोस्तों बात ये ताज़ी-ताज़ी है. और इसको हफ्ता ही हुआ है. मैं भुला के भी नहीं भूल पा रहा हु. जब भी याद करता हूँ तो लंड फनफना जाता है. सीधा बम्बू बन जाता है अंडरवियर में. माँ भी नज़रे मिला नहीं रही है मुझसे.

अब 2 दिन हो गए है सब रिश्तेदार और दोस्तों को गए हुए. घर सूना हो गया है. पापा भी काम पर जा रहे है. घर में माँ और मैं दोनों ही रहते है. माँ को देखते ही लंड खड़ा होने लगता है. माँ ने भी भांप ली है हालत. वो मेरे सामने अपने आप को सँवारने लगती है. तो चलिये बताता हूँ आपको की सबकुछ कैसे हुआ।

तो हुआ कुछ यूं की हमारे घर बड़ी दीदी की बेटी का पहला जन्मदिन था. तो घर दीदी के ससुराल वाले, हमारे रिश्तेदार फ्रेंड्स से घर भरा पड़ा था. हमारी मस्त कोठी है 4 रूम की और ऊपर से छत अलग. सो दीदी और बच्चा एक रूम में थे। माँ-पापा एक रूम में और मेरी वाली एक रूम थी, और एक ऐसे ही पड़ी थी. रिश्तेदार ज़्यादा होने के कारण मैंने और पापा ने अपना रूम उन्हें दे दिया. मैं, माँ, पापा कभी कभार एक दो और रिश्तेदार हम ऊपर छत पर सोते थे. दीदी और जीजू कुछ ज़्यादा ही गरम हुए पड़े थे. बच्चे की वजह से उन्हें ज़्यादा समय नहीं मिलता था एक-दुसरे के साथ. अब यहाँ बच्चे का ख़याल रखने काफी सारे रिश्तेदार होने के कारण मौके पर चौका मार रहे थे.

मैंने भी उनकी आवाज़े सुनी थी. दीदी की सिसकारियां सुनाई दे रही थी. शायद जीजू बड़ी बेरहमी से दीदी का पानी निकाल रहे थे. उनकी आवाज़ सुनकर मेरा बम्बू जाग रहा था. शायद उन्हें देख कर ही माँ की जवानी जागी थी. माँ का नाम कांता है. अभी 45 साल की है. पर ऐसे देखने से पता नहीं चलता था उनकी उम्र का. लेकिन उस दिन जो माँ ने चुदवाया, कसम से कह सकता हूँ कॉलेज की लड़की माँ के सामने पानी कम चाय है. उनके मम्मो में क्या मुलायमता थी. उनके निप्पल मस्त बड़े-बड़े किशमिश जैसे थे. चूसने में मज़ा आ रहा था. उससे भी ज़्यादा मज़ा वो चुसवा के ले रही थी. चूत शायद काफी दिनों से न चुदने की वजह से टाइट थी. अच्छा लग रहा था। जैसे कमसिन लड़की को चोद रहा हूँ, ऐसी फील आ रही थी. Maa Beta xxx chudai sex story

जिस दिन बर्थड़े हुआ उस दिन देर रात तक मंडप वाले अपना सामान लेने आये थे. सब काम चालु थे. रात के 2 बजे मैं थक के ऊपर आके सोया था. पापा उनके साथ बात कर रहे थे पैसे को लेके. फिर पता नहीं माँ को क्या हुआ. माँ ऊपर आयी जिसका मुझे भी पता नहीं था. फिर वो मेरी रजाई में घुस गयी और बोली-

माँ: ओह्ह हाय आह क्या ठण्ड पड़ी है इस बार. हाय मैं मर जावा।

फिर माँ ने मेरी तरफ करवट लेके पीछे से मुझे कस के बाहों में भर लिया. मैं सिर्फ चड्डी में सोता हूँ और पापा भी.

माँ – वाह क्या गरम बदन है आपका. इतने जवान कैसे महसूस हो रहे हो जी आज, बंटी के पापा?

माँ की पीछे से झप्पी की वजह से मेरी नींद खुल गयी. मुझे लगा की माँ मुझे पापा समझ रही थी. कुछ गड़बड़ होने से पहले मैं मुड़ के माँ को बोलने ही वाला था कि जैसे ही मै मुड़ा, माँ मेरी बाहों में आ गयी.

माँ: ओह मेरे राजा आज तो मुझे अपनी गर्मी आपको देनी ही पड़ेगी. मेरी इस ठण्ड को दूर भगा दो.

माँ अब मेरी छाती पर चूम रही थी. वो मेरी छाती के निप्पलों को जीभ से चाट रही थी. माँ काफी मंझी हुई खिलाडी लग रही थी. मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि क्या करू। तभी अचानक माँ मेरी चड्डी में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी. अब तो दिमाग की सारी बत्ती गुल हो चुकी थी. माँ का ठंडा हाथ पड़ते ही मेरा लंड बम्बू बन गया था.

माँ: आह क्या गर्मी है आपकी चड्डी के अंदर जी. और ये आपका लंड कितना गरम है. ऐसा लग रहा है इसको अपने पूरे शरीर पर रगड़ू खा जाऊ इसको.

उनके मुँह से ऐसी बाते सुन के मैं तो हैरान था. माँ तड़पती भूखी शेरनी की तरह यहाँ वहाँ झपट रही थी. फिर माँ ने चड्डी नीचे करके अपनी नाइटी ऊपर उठा ली. फिर वो मेरी उंगलिया पकड़ के अपनी चूत में डलवाने लगी.

माँ: आह सीईईईईई ऐसे ही करो जी. थोड़ी-थोड़ी गरम हो रही हूँ मैं. रुको आपका लंड मुँह में लिए बिना चैन नहीं आएगा.

फिर वो उठ कर मुँह में लंड लेकर चूसने लगी.

माँ – वाह! आपके लंड में आज इतनी जवानी कैसे चढ़ी है. ऐसे लग रहा है जवान लौंडे का लंड चूस रही हूँ. मज़ा आ गया आज तो रस-पान किये बिना नहीं जाने दूँगी.

माँ मेरे लंड को बिना सोचे समझे चूस रही थी. ऐसे जैसे कोई आइस क्रीम की कुल्फी चूसता है. वो सारा रस निकालने पर तुली थी. अपने हाथो से वो मेरी गोटिया सहला रही थी. अब माँ मेरी जांघो को फैला कर जीभ से चाटने लगी. पहली बार मैं स्वर्ग में था. जैसे ही माँ सुपाड़े को उंगलियों से दबोच कर उसको जीभ से चाटने लगी. मैं अपने आपको काबू नहीं कर सका और मैं झड़ गया. माँ सारा पी गयी. फिर वो अपनी नाइटी पर पड़े हुए माल को भी उंगलियों से चाट रही थी. फिर माँ वापस लंड चूसने लगी. लंड जब थोड़ा सा रेडी हो गया तो माँ ऐसे ही नाइटी गांड तक ऊपर करके लंड को चूत के मुँह पर रगड़ रही थी. अजीब सा मज़ा आ रहा था. Maa Beta xxx chudai story

माँ: बिट्टू के पापा आज तो कमाल हो गया. आप भी मूड में है. वहाँ बेटी को भी हमारा दामाद नहीं छोड़ रहा. सच में आपकी नज़र कभी धोखा नहीं खा सकती. हमारा दामाद बेटी को काफी खुश रखता है जैसे आप मुझे रखते हो.

अब माँ ने लंड अंदर डाला और माँ ने एक तेज़ सिसकारी ली. लेकिन ऊपर कोई नहीं था. पूरी छत खाली थी. हम दोनों के सिवाय और कोई नहीं था और हम दोनों कम्बल में थे. कोई आता भी तो माँ को नाइटी नीचे करके सिर्फ सोने का नाटक करना था. लेकिन नसीब कहो या समय हमारा साथ दे रहा था. माँ की चूत काफी टाइट थी. मुझे दर्द हो रहा था सुपाड़ा अंदर-बाहर करते वक़्त. अब तक माँ भी मूड में आ गयी थी. माँ लंड अंदर डालकर रगड़ रही थी. अब माँ मेरे ऊपर लेट गयी और गांड से हिला-हिला कर लंड अंदर बाहर कर रही थी. माँ मेरी गर्दन पर किस करने लगी. बालों में हाथ डालकर और बाल पकड़ कर वो मेरा नीचे वाला होंठ मुँह में लेके चूसने लगी. मैं भी अब साथ दे रहा था माँ का. माँ मेरी जीभ पकड़ कर चूस रही थी. मैं भी माँ की जीभ चूस रहा था. अब मेरे दोनों हाथ माँ की गांड पर गए. फिर माँ बोलने लगी.

मैंने भी उनकी आवाज़े सुनी थी. दीदी की सिसकारियां सुनाई दे रही थी. शायद जीजू बड़ी बेरहमी से दीदी का पानी निकाल रहे थे. उनकी आवाज़ सुनकर मेरा बम्बू जाग रहा था. शायद उन्हें देख कर ही माँ की जवानी जागी थी. माँ का नाम कांता है. अभी 45 साल की है. पर ऐसे देखने से पता नहीं चलता था उनकी उम्र का. लेकिन उस दिन जो माँ ने चुदवाया, कसम से कह सकता हूँ कॉलेज की लड़की माँ के सामने पानी कम चाय है. उनके मम्मो में क्या मुलायमता थी. उनके निप्पल मस्त बड़े-बड़े किशमिश जैसे थे. चूसने में मज़ा आ रहा था. उससे भी ज़्यादा मज़ा वो चुसवा के ले रही थी. चूत शायद काफी दिनों से न चुदने की वजह से टाइट थी. अच्छा लग रहा था। जैसे कमसिन लड़की को चोद रहा हूँ, ऐसी फील आ रही थी. Maa Beta xxx chudai sex story
माँ: बिट्टू के पापा क्या मज़ा आ रहा है आज जवानी वापस आ गयी जैसे. हां मारो ना गांड पर मेरे.

मैंने गांड पर धीरे से थप्पड़ मारा.

माँ- आह्हः हाँ ज़ोर से ऐसे ही लाल कर दो मेरी गांड.

फिर माँ ने नाइटी से मम्मे निकाल लिए. उन्होंने एक बूब मेरे मुँह में दिया और चूसने को बोली. मैं मम्मे चूसने लगा. मैंने माँ के निप्पल को किशमिश की तरह काटा तो माँ बोल पड़ी-

माँ: आआआ दुखता है जी, काटो मत चूसो सिर्फ.

और मैं चूसने लगा.

माँ: मस्त चूस रहे हो जी चूसो ऐसे ही हैं आह.

और माँ ने अब स्पीड बढ़ा दी. अब मैं भी माँ की कमर को पकड़ कर नीचे से गांड उठा-उठा कर धक्के देने लगा. फच फच की आवाज़ आने लगी थी. माँ रुकने का नाम नहीं ले रही थी.

माँ: आआ ओह्ह्ह्हह ऊऊफफफफफफ हाय हां ऐसे ही मारते रहो. उछालो रुको मत आह हाय.

कुछ देर बाद ही मै झड़ गया माँ के अंदर ही. माँ धक्के मारते रही और 5-6 धक्को के बाद माँ भी झड़ गयी. मेरे लंड पर मुझे महसूस हुआ गरम पानी. माँ मेरे ऊपर ही पड़ी रही 2-3 मिनट. फिर वो मेरे कान में बोली-

माँ: मैं आती हूँ जी नीचे मूत कर.

और वो उठ कर चली गयी. मैं तो जैसे कोमा में चला गया था. अभी 20 मिनट में जो हुआ मुझे सपने जैसे लग रहा था. यकीन नहीं हो रहा था. फिर मैंने अपने लंड पर हाथ लगाया तो वो गीला था. जांघो पर पानी गिरा था. मैंने चड्डी से लंड पोंछा और पहन लिया. नींद मेरे से कोसो दूर थी.

आधे घंटे बाद माँ पापा के साथ ऊपर आयी. शायद माँ को पता चल गया था की वहाँ मैं सोया था. तब से माँ बोल नहीं रही थी मुझसे. आज 4 दिन हो गए है. अब आगे क्या हुआ ये अगली कहानी में बताऊंगा. अगर कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट ज़रूर करे.


4.5/5 - (2 votes)

Leave a Comment

error: Content is protected !!